Volume : 9, Issue : 1, JAN 2023
AADHUNIK BHARAT KE NIRMAN MEIN SVAME VIVEKANAND KE VICHAARON KA YOGADAAN : EK ADHYAYAN (आधुनिक भारत के निर्माण में स्वामी विवेकानंद के विचारों का योगदान : एक अध्ययन)
RAJESH KUMAR MALVIYA (राजेश कुमार मालविया)
Abstract
महामना स्वामी विवेकानन्द एक महान समाज सुधारक और उच्चकोटि के दार्शनिक थे । समाज के प्रति संवेदनशील वह उन दोषों से पूर्णरूप से अवगत थे जो कि हिन्दू समाज की जड़ों को खोखला कर रहे थे और वह उनका अन्त करने के लिए सदैव चिंतित रहते थे। वह स्त्रियों की स्थिति को ऊँचा उठाना, विदेश यात्रा के ऊपर लगे हुए सामाजिक प्रतिबन्धों को हटाना तथा अस्पृश्यवाद के धर्म का अन्त करना चाहते थे किन्तु उनकी पद्धति अन्य सुधारकों से भिन्न थी दूसरे सुधारक यत्र यत्र छोटे-मोटे सुधारों के हामी थे, ध्वंसात्मक नहीं। यह रचनात्मक थी क्योंकि वह बुराई का उन्मूलन शिक्षा के द्वारा करना चहाते थे। शक्ति के द्वारा नहीं।
Keywords
स्वामी विवेकानंद, समाज सुधार, विचारधारा, शिक्षा, राष्ट्र, स्त्री, अभ्युदय
Article : Download PDF
Cite This Article
-
Article No : 10
Number of Downloads : 31
References
1. मुखर्जी, हीरेन्द्र नाथ इण्डिया स्ट्रगुलफार फ्रीडम
2. विवेकानन्द स्वामी- लैक्चर्स फ्रोम कोलम्बों टू अल्मोड़ा
3. स्वामीजी का शिकागों से मैसूर के महाराज को लिखा पत्र 23 जून 1894
4. दि हिन्दू समाचार पत्र) तमिलनाडु फरवरी 1897
5. नेहरू जवाहर लाल हिन्दुस्तान की कहानी
6. विवेकानन्द संचयन (सम्पादित) ‘भारत का भविष्य’
7. 28 फरवरी को कलकत्ता अभिनन्दन का उत्तर
8. दिनकर रामधारी सिंह संस्कृति के चार अध्याय
9. नटराजन एस० ए सेन्चुरी आफ सोशल रिफार्म इन इण्डिया
10. स्विट्जर एलबर्ट इण्डियन बाट एण्ड इट्स डेवलपमेन्ट
11. लाइफ ऑफ स्वामी विवेकानन्द द्वितीय खण्ड
12. स्वामी विवेकानन्द ऑन इण्डिया एण्ड हर प्रॉब्लम्स